तिमी बाहेक अन्त माया मैले गास्न सकिन
पारि दियौ टुक्रा टुक्रा मुटु कैले हास्न सकिन
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हजारौले जुनी भर साथ दिन्छु भन्दा पनि
कसैलाई पनि हिर्दय भित्र टास्न सकिन
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तिम्ले पीडाका भारी बोकाएर गए पनि
तिम्रो त्यो चन्द्र रुपी तस्बिर नास्न सकिन
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तिमी पराइको डोलीमा सजिएर जादा पनि
हात खोपी लेखेको तिम्रो नाम तास्न सकिन
बिकाश (घायल )
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